18 मार्च तक अस्त रहेगा शनि ग्रह,जानिये क्या मिलेंगे फल
(✍🏻डॉ विकासदीप शर्मा, ज्योतिषाचार्य✍🏻)
जब भी कोई ग्रह सूर्य के समीप पहुॅंच जाता है तब उस ग्रह को अस्त कहा जाता है।यह ठीक वैसे ही है जैसे 100 वाॅट के बल्व के समीप 10 वाॅट के बल्व का प्रकाश प्रभावहीन हो जाता है, ठीक वैसे ही सूर्य के समीप पहुॅंचते ही ग्रह की शक्ति घट जाती है।विगत 17 फरवरी 2024 से ब्रह्मांड मे कुंभ राशि मे सूर्य और शनि कि युति बनी हुयी है,जो 14 मार्च सूर्य के मीन राशि मे प्रवेश तक बनी रहेगी।तत्पश्चात् 18 मार्च को सूर्य के मीन राशि मे 4° पहुॅंच जाने पर शनि उदित हो जायेंगे।
किसी भी ग्रह के अस्त होने पर उसके शुभ फलों मे न्यूनता आती है,तथा इस सृष्टि मे उसके हानिकारक प्रभाव देखने को मिलते है।शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी ग्रह है,अत: वर्तमान समय मे इन राशियों के जातक आर्थिक,शारीरिक और मानसिक परेशानियों से झूझ रहे है,जिन्हे शनि कि दशा महादशा चल रही है,उन पर भी शनि के अस्त होने का विपरीत प्रभाव पडा है।जिनकी पत्रिका में शनि कमजोर है या शत्रु राशि में है उनको भी इसका बुरा असर देखने को मिलता है।शनि अस्त होने के कारण बिना मौसम के आंधी तूफान वर्षा होना,बिजली और ओले गिरना,फसल नष्ट होना,गरीबी और बेरोजगारी बढना,रोग बढना,जनता मे सरकार के प्रति आक्रोश बढना जैसे फल देखे जाते है।शनि अस्त होने के साथ ही पंजाब मे किसान आंदोलन प्रारंभ हुआ है।
शनि अस्त के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिये उपाय:–
1. शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करे ।
2. शनि ग्रह के बीज मंत्र “ओम प्रां प्रीं प्रौं श: शनैश्चराय नम:।” का जप करे ।
3.उडद, सरसों के तेल और लोहे का शुभ मुहुर्त मे दान करे।
4.भगवान शिव का सरसों के तेल से रुद्राभिषेक करे।