आपको पता है गुड़िया के बाल कहे जाने वाली कॉटन कैंडी पर क्यों लगा बैन
अफसोस की बात ये है कि हमारे देश के बहुत सारे माता-पिता इस बात से बिल्कुल अनजान हैं और वो अपने बच्चे की जिद पर उसे बहुत आराम से कॉटन कैंडी खरीदकर खाने के लिए दे देते हैं,लेकिन उससे होने वाले नुकसान के बारे में किसी को पता तक नहीं था।
पिछले कई दिनों से कॉटन कैंडी जिसे आम बोलचाल की भाषा में हम गुड़िया के बाल कहते हैं,इसे लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है,ये वही कॉटन कैंडी है जो अक्सर मेले में,बाजारों में, आपके मोहल्ले में खुलेआम मिलती है. आजकल तो शादियों में भी कॉटन कैंडी के काउंटर लगाने का फैशन शुरू हो गया है,लेकिन क्या आप जानते हैं ये असल में कॉटन कैंडी नहीं बल्कि कैंसर कैंडी है।
आपको यह बात अजीब लग रही हो लेकिन आपको जो कुछ बताने जा रहे हैं,उसे बहुत ध्यान से पढ़िएगा क्योंकि ये आपके बच्चों की ज़िंदगी से जुड़ी हुई खबर है,लेकिन इससे पहले हम देश के सभी माता पिता से कुछ बहुत जरूरी सवाल पूछना चाहते हैं।
पहला सवाल तो ये है–क्या आपका बच्चा भी बाजार में मिलने वाली गुलाबी,नीली या पीली कॉटन कैंडी खाता है?आपके बच्चे को भी गुड़िया के बाल के नाम से मशहूर कॉटन कैंडी पसंद है?अक्सर आपके बच्चे कॉटन कैंडी खरीदने की ज़िद करते होंगे..तो क्या आप भी उन्हें वो कॉटन कैंडी दिलाते हैं।
कैंसर का भी हो सकता है ख़तरा
अगर इनमें से एक भी सवाल का जवाब हां में है तो अपने बच्चों को कॉटन कैंडी खिलाने वाले माता-पिता सावधान हो जाएं,क्योंकि आपको ये एहसास तक नहीं होगा कि कॉटन कैंडी यानी गुड़िया के बाल की वजह से कैंसर का खतरा हो सकता है,दरअसल कॉटन कैंडी को लेकर देश के दो राज्यों से खतरे का अलार्म बज गया है और देश की राजधानी दिल्ली में इसे लेकर जांच भी शुरू हो गई है।
खबर ये है कि तमिलनाडु और पुडुचेरी राज्य में कॉटन कैंडी पर बैन लगा दिया गया है,इन दोनों राज्यों में कॉटन कैंडी की बिक्री के साथ साथ प्रोडक्शन को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है, क्योंकि इस कॉटन कैंडी की जांच में एक रंगने वाले केमिकल रोडामाइन-बी की पुष्टि हुई है,और यही वो केमिकल है जिससे कॉटन कैंडी खाने वालों को कैंसर जैसी जानलेवी बीमारी हो सकती है।
रोडामाइन-बी भी मिला कॉटन कैंडी में
जब चेन्नई में गुलाबी रंग की कॉटन कैंडी के सैंपल में रोडामाइन-बी केमिकल मिला है,जबकि नीले रंग में बिक रहे गुड़िया के बाल में रोडामाइन-बी के साथ एक और केमिकल की मात्रा मिली है,जिसके बाद तमिलनाडु और पुडुचेरी ने कॉटन कैंड को घटिया और खतरनाक मानते हुए बैन कर दिया है,इस खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने भी कॉटन कैंडी पर जांच के आदेश दे दिए हैं।
आपको यह भी बताएंगे आखिर रोडामाइन बी नाम का जो केमिकल कॉटन कैंडी यानी गुड़िया के के बाल में मिला है वो होता क्या है और यकीन मानिए इसका सच जानकर आप चौंक जाएंगे,दरअसल रोडामाइन-बी केमिकल एक तरह की सिंथेटिक डाई होती है,जिसे बहुत जहरीला और स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक माना जाता है।
रोडामाइन-बी केमिकल का कपड़ा उद्योग में होता है उपयोग
इस रोडामाइन-बी नाम के केमिकल का इस्तेमाल आम तौर पर कपड़ा उद्योग में किया जाता है,इस केमिकल के जरिए कपड़े और चमड़े को रंगने का काम होता है,साथ ही साथ कागज की रंगाई और छपाई में भी इस रोडामाइन बी का उपयोग किया जाता है।
केमिकल मिलाकर बेचा जा रहा
यानी सोचिए जिस जहरीले केमिकल से कपड़े और चपड़े रंगे जाते हैं,कैसे उसे कॉटन कैंडी में मिलाकर बेचा जा रहा है और उसे आपके बच्चे बहुत स्वाद लेकर खा रहे हैं,लेकिन असल में ये एक ऐसा ज़हर है,जो आपके बच्चे को बीमार नहीं बल्कि बहुत अधिक बीमार बना सकता है,जब कॉटन कैंडी यानी गुड़िया के बाल में मिलाया गया ये केमिकल किसी के शरीर के अंदर जाता है तो किस तरह से रिएक्शन करता हैं और कैसे जानलेवा तक साबित हो सकता है यह भी जान लेंते हैं।
इस केमिकल के किडनी,लीवर और आंतों में जमा होने का खतरा होता है,‘रोडामाइन बी’ नाम के इस केमिकल से कैंसर और ट्यूमर तक हो सकता है,सबसे ज्यादा खतरा आंत में अल्सर होने का रहता है,इसके अलावा इस केमिकल से किसी का दिमाग कमजोर होने की भी आशंका रहती है,साथ ही स्किन और आंखों में जलन की भी शिकायत हो सकती है,सबसे ज्यादा डराने वाली बात ये है कि ये केमिकल किसी के शरीर में 60 दिन तक रह सकता है,और धीरे धीरे नुकसान पहुंचाता है,यानी अगर किसी ने आज गुड़िया के बाल खाए होंगे,और अगले 60 दिनों तक ये केमिकल उसके अंदर मौजूद रहेगा,अन्य लक्षणों की बात करें तो किसी को इससे पेट फूलना,खुजली और सांस लेने जैसी दिक्कत हो सकती है।