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शहर में खूब फल फूल रहा है अवैध कॉलोनी का व्यापार

शहर के आसपास लगे खेतों को बदला जा रहा है अवैध कॉलोनी में,प्रशासन बना मूकदर्शक

(✍🏻के.के.दुबे✍🏻)

शिवपुरी–शहर की अगर बात की जाए तो यहां अवैध कॉलोनी और अवैध कॉलोनाइजर का पूरी तरह से कब्जा है और लगातार शहर के आसपास अवैध कालोनियां बनकर खड़ी की जा रही है जहां न केवल मोटी-मोटी रकम लेकर प्लॉट बेचे जा रहे हैं बल्कि जमीन माफिया दलाल और जमीन के बड़े-बड़े सौदागर लोगों की पहुंच से मकान को दूर करने के काम में लगे हैं इतना ही नहीं सरकारी जमीन की रेट को भी दरकिनार कर यह अपने तरीके से मनमानी रेट वसूल कर रहे हैं और पूरी तरह से सरकारी नियम गाइडलाइन की अनदेखी कर शहर के आसपास अवैध कॉलोनी का मकड़जाल खड़ा किया जा रहा है हालात यही रहे तो एक बार फिर शहर में कई घटनाएं दुर्घटनाएं सामने आयेंगी और अगर बाढ़ जैसे हालात बने तो इन अवैध कॉलोनीयों में से निकलने तक मुश्किल हो जाएगा।

खेतों के बीच बना रही है कालोनियां

शहर की सीमा से लगे अधिकतर खेत पूरी तरह से खरीद लिए गए हैं या फिर उन्हें खरीद कर उन्हें मोटा बयाना दे दिया गया है और इन्हीं खेतों में अवैध कॉलोनियां काटी जा रही है इसके लिए ना तो सरकारी रूप से नियमों की सूची के मुताबिक पालन किया जा रहा है और ना ही टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के तहत परमिशन ली जा रही है।

1 साल में दुगने से भी ज्यादा भाव कर देते हैं जमीन के

शहर में सक्रिय अवैध कॉलोनाइजरों और अवैध रूप से प्लॉट काटने वाले एक गैंग का इतना बड़ा नेटवर्क है कि किसानों से खरीदने वाली इस जमीन की कीमत 1 साल में दोगुनी से ज्यादा कर देते हैं जबकि किसान को उस जमीन का छोटा सा ही मुनाफा मिल पाता है और उसके बाद भी उसकी जमीन चली जाती है इतना ही नहीं बिना किसी परमिशन और बिना किसी गाइडलाइन के लगातार प्लाटिंग करते हुए अपना गोरख धंधा चलाए हुए हैं।

कृषि भूमि को आवासीय में नहीं कराया जाता कन्वर्ट

यह कॉलोनाइजर एक खेत को खरीद कर उसमें प्लाटिंग कर चंद रुपए खर्च कर केवल मुरम से बने हुए रास्ते दिखाकर लोगों को प्रलोभन देते हैं और पूरी तरह से प्लाटिंग कर गायब हो जाते हैं इतना ही नहीं कृषि भूमि को आवासीय भूमि में कन्वर्ट भी नहीं कराया जाता और बावजूद इसके यह अवैध कालोनियां बनाने का धंधा शहर में खूब फल फूल रहा है।

अवैध कॉलोनी में प्लॉट या मकान बनाने वालों को भुगतना पड़ता है खामियांजा

शहर शिवपुरी में पनप रहे अवैध कॉलोनाइजर लगातार अपना रूप बढ़ाते जा रहे हैं और उनकी गैंग में एक से एक बड़े करोड़पति शामिल है जो कि अपना व्यवसाय करने के साथ-साथ कृषि भूमि को खरीदने के कारोबार में भी लिप्त हैं जिन्हें जमीन माफिया कहा जाए तो गलत नहीं होगा यह जिस तरह की कालोनियां खड़ी कर देते हैं उसमें लोग मकान बनाते हैं और अगर पानी और बरसाती की बात की जाए तो फिर इन्हीं लोगों को इस दौरान काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के तहत बनने वाली कॉलोनी की भी जांच की दरकार

जानकारी के अनुसार शहर के कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के तहत अप्रूवल लेकर काम किया जा रहा है लेकिन यह अप्रूवल किस हद तक लिया गया है कितना बीघा में लिया गया और इस अप्रूवल के बाद में क्या धरातल में वास्तविकता में वही काम किया जा रहा है जिसे टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से पास किया जाता है इसकी जांच भी की जाना जरूरी है।

प्रशासन नहीं करता करवाई

शहर में डेढ़ से दो सैकडा से ज्यादा ऐसी कालोनियां है जो अवैध है और प्रशासन की नाक के नीचे बनकर तैयार हुई है बावजूद इसके लगातार शहर में एक सैकड़ा से अधिक इस समय कालोनियां अवैध रूप से विकसित की जा रही है कुछ कॉलोनीयों को टाउन और कंट्री प्लानिंग से अप्रूवल होने की बात भी सामने आई है बावजूद इसके ना तो इन इलाकों की जांच और साइड का विजिट करने की अधिकारी ना ही कोशिश करते हैं और ना ही इन लोगों पर कार्रवाई करने की जहमत उठाते हैं यही वजह है कि इन लोगों के हौसले लगातार बड़े हुए हैं और शहर में पूरी तरह से अवैध कॉलोनाइजरों का दबदबा तैयार होकर लोगों की परेशानी का सबब बन गया है।

बाद में प्रशासन ही होता है चकरघिन्नी

जब इन अवैध कॉलोनीयों की वजह से बाढ़ जैसी स्थिति आती है या बरसात के दिनों में पानी भरने जैसी स्थिति आती है और लोग परेशानी में मदद की गुहार लगाते हैं उस दौरान प्रशासन के अधिकारियों को ही चकरघिन्नी होना पड़ता है बावजूद इसके इस तरह के हालातो पर पहले से ही अंकुश अगर लगाया जाए तो इसे निपटा जा सकता है लेकिन लगातार प्रशासन की अनदेखी और उनके बड़े हुए मंसूबे यह बताते हैं कि कहीं ना कहीं यह शासन सरकार सबसे ऊपर है और उनकी मनमानी का राज क्षेत्र जिले भर के साथ शहर में निर्विरोध रूप से जारी है।

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