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अंधेरे में जिले की स्वास्थ्य सुविधाएं, जिला अस्पताल में घंटे भर बत्ती गुल

शिवपुरी–जिले की स्वास्थ्य सुविधाएं किस स्थिति में हैं यह बुधवार की देर शाम देखने को मिला। अस्पताल में बत्ती गुल हुई तो ऐसी हुई कि फिर एक घंटे तक नहीं आई। पहले से बीमार मरीज परेशान होते रहे, लेकिन जिला अस्पताल बिजली की व्यवस्था नहीं कर पाया। गनीमत रही कि इमरजेंसी में किसी मरीज की जान नहीं गई। लेकिन, इस पूरे घटनाक्रम ने जिला अस्पताल की सेवाओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। उल्लेखनीय है कि कोराना काल में ऐसे ही एक पावर कट में जिला अस्पताल में कुछ लोगों को अपनी जान गंवाना पड़ गई थी, लेकिन अधिकारी कोराेना की आड़ लेकर बच गए थे।

इस गंभीर अव्यवस्था पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन का बयान आया है कि यह घर में बत्तीगुल होने जैसा आम है। उनके अनुसार 15 मिनट में जनरेटर चालू हो गया था, लेकिन वहां मौजूद लोगों का कहना है कि आधे घंटे से अधिक समय तक बत्ती गुल रही।

जैसा कि विदित है कि बुधवार शाम से ही मौसम खराब हो गया था। शहर में तेज आंधी के बाद हल्की बारिश हुई थी। इससे शहर में बिजली सप्लाई की भी व्यवस्था चरमरा गई थी। इसी दौरान जिला अस्पताल की रात करीब साढ़े आठ बजे बिजली गुल हो गई थी और रात नो बजे बिजली सप्लाई चालू हुई थी। लेकिन जिला अस्पताल में आधे घंटे तक बिजली गुल रहने के बावजूद जिला अस्पताल के जनरेटरों को चलाया ही नहीं गया और न ही जनरेटर चालु करने की कोशिश की गई। जबकि जिला अस्पताल में बिजली व्यबस्था को बहाल रखने के लिए जनरेटरों को ऑटोमिशन सिस्टम के जरिए स्वतः ही चालू हो जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और ना ही जनरेटरों को मेनुअली चलाया गया।

क्या बोले मरीज
मेरे पिता 70 साल के हैं। उन्हें सांस की बीमारी के चलते जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बिजली गुल रहने के चलते पिता को ऑक्सीजन नहीं मिल सकी थी। जिससे उन्हें घबराहट और बेचैनी हुई थी।
– प्रमोद
अपनी पांच साल की बीमार बेटी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा था। लेकिन बिजली न होने की वजह से भर्ती का पर्चा ही नहीं बन सका था।
– मोहम्मद अंसारी

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