(✍🏻डॉ.विकासदीप शर्मा,ज्योतिषाचार्य✍🏻)
होली हिंदुओ के प्रमुख त्यौहारों में से है,दीपावली की तरह ही होली को बड़ा पर्व माना जाता है,होली को लेकर तो बच्चों में खासा उत्साह देखा जाता है,जब किसी बड़े त्यौहार पर कोई ग्रहण की बात आती है तो लोग असमंजस की स्थिति रहते है कि क्या ग्रहण है या नहीं,इस बार फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा (होली) 25 मार्च 2024 सोमवार को छाया चंद्र ग्रहण रहेगा,फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को यह चंद्र ग्रहण लगने वाला है लेकिन यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई ना देने के कारण भारत में इसका कोई प्रभाव भी नहीं माना जाएगा और ना ही इसका कोई सूतक काल होगा,जिस देश मे ग्रहण दृष्ट होता उसके सूतककाल केवल वही मान्य होता है।
शास्त्र में चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व भी है और इसीलिए दुनिया भर के वैज्ञानिक चंद्र ग्रहण पर बहुत ज्यादा ध्यान देते हैं,इस चंद्र ग्रहण पर न केवल चंद्रमा केतु से पीड़ित होगा बल्कि सूर्य और बुध ग्रह भी राहु के प्रभाव में होंगे तथा मंगल और शनि भी साथ होंगे।
अच्छी बात यह है कि यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा,जिसे पूर्ण और सैद्धांतिक रूप से चंद्रग्रहण की मानता नहीं दी गई है और यही वजह है कि इस चंद्र ग्रहण का कोई सूतक मान्य नहीं होगा,यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई नहीं देगा लेकिन भारतीय समय के अनुसार यह 25 मार्च 2024 को प्रातः10:24 से शुरू होकर दोपहर 3 मिनट पर समाप्त होगा।
यह चंद्र ग्रहण बेल्जियम,फ्रांस, इटली,जर्मनी,नॉर्वे का दक्षिण भाग,हॉलैंड,स्विट्जरलैंड,उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया,इंग्लैंड और जापान में दिखाई दे सकता है,यह चंद्र ग्रहण सोमवार के दिन लगेगा,यह चंद्र ग्रहण कन्या राशि में उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में मुख्य प्रभाव दिखाएगा।
हर चंद्र ग्रहण सभी राशियों पर प्रभाव देने में सक्षम होता है,वह किसी के लिए सकारात्मक भी हो सकता है और किसी के लिए नकारात्मक भी,लेकिन यह चंद्र ग्रहण भारत मे नही दिखेगा इसीलिए इसके नकारात्मक असर भी देखने को नही मिलेंगे ।